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सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला काफी उलझा हुआ, सीबीआई के सामने यह कठिन चुनौती

सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला काफी उलझा हुआ, सीबीआई के सामने यह कठिन चुनौती

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की तरह अभिनेत्री जिया खान की संदिग्ध मौत के मामले में भी मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठा था और जांच सीबीआई को दे दी गई थी

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के केस में सीबीआई (CBI) जांच की मांग जोर पकड़ती जा रही है. पटना पुलिस (Patna Police) की FIR की जांच केंद्र सरकार पहले ही सीबीआई को दे चुकी है. लेकिन महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) केस सीबीआई को देने के पक्ष में नहीं है इसलिए मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में है और फैसले का इंतजार है. जानकार मानते हैं कि जिस कदर ये मामला उलझ गया है,  सीबीआई के लिए भी इसकी तह तक पहुंच पाना आसान नहीं होगा.

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की तरह अभिनेत्री जिया खान की संदिग्ध मौत के मामले में भी मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठा था और जांच सीबीआई को दे दी गई थी. जिया की मां राबिया खान अभी लंदन में हैं. वहां से उन्होंने भी सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई को देने की मांग का समर्थन किया है, लेकिन ये सवाल भी उठाया है कि क्या मुंबई पुलिस समर्थन करेगी?

राबिया खान ने कहा है कि ‘मुझे मालूम नहीं कि पुलिस कितना सहयोग करेगी, गवाह कितना सहयोग करेंगे. इस बात की चिंता हमें भी खाए जा रही है. लेकिन मेरा निवेदन है सब सीबीआई के लिए समर्थन करें. हमारे मासूम बच्चे चले गए. सीबीआई को जांच मिले और सबको न्याय मिले.’

जिया खान और सुशांत सिंह राजपूत, दोनों की मौतों का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. दोनों के कमरे से कोई
सुसाइड नोट नहीं मिला. दोनों ही मामले फॉरेंसिक सबूतों पर निर्भर हैं. इसमें लीगेचर मार्क सबसे अहम है. लेकिन अंतिम संस्कार हो चुका है इसलिए अब उसे फिर से एक्जामिन कर पाना असंभव है. मतलब ये कि सीबीआई को इन सबूतों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा जो मुंबई पुलिस ने मौके से जमा किए हैं.

तीन जून 2013 को जिया खान की संदिग्ध मौत के मामले में भी उनका परिवार चाहता था कि हत्या का मामला बने. लेकिन मुकदमा खुदकुशी के लिए उकसाने का ही बना. सुशांत सिंह राजपूत केस पहले सामान्य खुदकुशी का मामला लग रहा था. शक और सवालों के चलते अब हत्या का मामला लगने लगा है. लेकिन बिना किसी चश्मदीद और फॉरेंसिक सबूतों के सीबीआई के लिए भी इसे सुलझाना आसान नहीं होगा.

News credit NDTV

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