चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत बुधवार को हुई थी. छठ पर्व विशेष रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है.
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पटना: Chhath Puja 2020: लोकआस्था के महापर्व के अवसर पर आज अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को अर्घ्य दिया गया. अब कल सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने पर आस्था के इस महापर्व का समापन होगा. चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत बुधवार को हुई थी. छठ पर्व विशेष रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है.
छठी मइया (Chhathi Maiya) को ऊषा अर्घ्य या भोरवा घाट या फिर बिहनिया अर्घ्य 21 नवंबर सुबह दिया जाएगा. छठ पूजा का ये दूसरा और आखिरी अर्घ्य होगा. इसके साथ साल 2020 के छठ पर्व (Chhath Parv) का समापन हो जाएगा. इस अर्घ्य के बाद छठी मइया (Chhathi Maiya) के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद को लोगों में बांटा जाएगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने घर में आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकआस्था के महापर्व छठ के अवसर पर अपने निवास 1 अणे मार्ग पर अस्ताचलगामी सूर्च को अघ्य अर्पित किया तथा ईश्वर से राज्य एवं देशवासियों की सुख शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की.”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छठ पूजा के अवसर पर लोगों को बधाई दी और सभी के लिए सुख और समृद्धि की कामना की. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सूर्य की आराधना के महापर्व छठ की सभी देशवासियों को मंगलकामनाएं. छठी मइया सभी के जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करें.”
बता दें, हर साल दीवाली के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व (Chhath Parv) मनाया जाता है. छठी मइया की पूजा (Chhathi Maiya Ki Puja) की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना या लोहंडा (इसमें प्रसाद में गन्ने के रस से बनी खीर दी जाती है). षष्ठी (20 नवंबर) को शाम और सप्तमी (21 नवंबर) सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाती है. इस बार छठ पूजा 18 से 21 नवंबर तक है. यहां जानिए 21 नवंबर को दूसरा और आखिरी अर्घ्य किस समय दिया जाएगा.
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