Home / World / Hindi News / सुशांत मामले में AIIMS की रिपोर्ट के बाद शिवसेना का पलटवार, ‘कुत्‍तों की तरह भौंकने वाले नेताओं-न्‍यूज चैनलों…’

सुशांत मामले में AIIMS की रिपोर्ट के बाद शिवसेना का पलटवार, ‘कुत्‍तों की तरह भौंकने वाले नेताओं-न्‍यूज चैनलों…’

सुशांत मामले में AIIMS की रिपोर्ट के बाद शिवसेना का पलटवार, ‘कुत्‍तों की तरह भौंकने वाले नेताओं-न्‍यूज चैनलों…’

‘सामना’ के संपादकीय में आरोप लगाया गया कि यह महाराष्ट्र की छवि को इस घटना के जरिए खराब करने की साजिश थी. इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार को इस साजिश में लिप्त लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करना चाहिए. 

मुंंबई: Sushant Singh Case: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में हत्या की आशंका को एम्स की रिपोर्ट (AIIMS)में खारिज किए जाने के बाद शिवसेना ने सोमवार को कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस को बदनाम करने वाले नेताओं और न्‍यूज चैनलों को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए. अपने मुखपत्र ‘सामना’ (Mouthpiece Saamana) के संपादकीय में शिवसेना (Shiv Sena)ने कहा कि अभिनेता की मौत के मामले में अंतत: सच्चाई की जीत हुई. संपादकीय में कहा गया, ‘‘कुत्तों की तरह भौंकने वाले नेता और समाचार चैनल, जिन्होंने मुंबई पुलिस को बदनाम किया और उसकी जांच पर सवाल उठाए, उन्हें अब महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए.”

‘सामना’ के संपादकीय में आरोप लगाया गया कि यह महाराष्ट्र की छवि को इस घटना के जरिए खराब करने की साजिश थी. इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार को इस साजिश में लिप्त लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करना चाहिए. एम्स के मेडिकल बोर्ड ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या को खारिज करते हुए इसे ‘‘फंदे से लटक कर खुदकुशी” का मामला बताया था. इसी का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया, ‘‘अब अंधे भक्त सुशांत की मौत के मामले में एम्स की रिपोर्ट को भी खारिज करेंगे? सुशांत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को 110 दिन गुजर गए.”इसमें किसी भी व्यक्ति या दल का नाम लिए बगैर कहा गया कि जिन लोगों ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले में चुप्पी साधे रखी, उन्हें महाराष्ट्र के पौरुष की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए.

संपादकीय में कहा गया कि मुंबई पुलिस ने जांच के दौरान आचार नीति का ध्यान रखा और गोपनीयता बनाए रखी ताकि सुशांत की मौत के बाद किसी की बदनामी न हो लेकिन CBI ने अपनी जांच के 24 घंटे के भीतर कलाकारों के मादक पदार्थ संबंधी मामले को खोद निकाला.इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar)पर भी आरोप लगाया गया और कहा गया कि उन्होंने तथा बिहार के अन्य नेताओं ने इस मुद्दे को इसलिए उठाया क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनके पास प्रचार के लिए मुद्दों की कमी थी. इसमें कंगना रनौत का जाहिर तौर पर जिक्र करते हुए पूछा गया कि अब वह कहां छिपी हैं. संपादकीय में कहा गया, ‘‘अभिनेत्री ने हाथरस मामले में दो आंसू भी नहीं बहाए.”

News Credit NDTV

Check Also

Election: केपी का तीनों उम्मीदवारों से छत्तीस का आंकड़ा; चन्नी ने 2022 में टिकट काटी, 2017 में रिंकू ने कटवाई

शिरोमणि अकाली दल ने मोहिंदर सिंह केपी को मैदान में उतारकर सियासत को गर्मा दिया …