कोलंबो10 मिनट पहले
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हरिनी अमरसूर्या 2020 में पहली बार सांसद बनी थीं। राजनीति में आने से पहले वे श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं।
हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री बनाई गई हैं। इस पद पर पहुंचने वाली वह श्रीलंका की तीसरी महिला नेता हैं। वे 2 महीने पहले श्रीलंका में बनी अंतरिम सरकार में भी प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
प्रधानमंत्री बनाई गईं हरिनी अमरसूर्या की पढ़ाई 1991 से 1994 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से हुई है। उन्होंने 5 साल पहले ही राजनीति में एंट्री ली थी।
श्रीलंका में 14 नवंबर को संसदीय चुनाव हुए थे। इसमें राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन NPP जीत मिली थी। सोमवार को सरकार के नए कैबिनेट का गठन किया गया।
राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कैबिनेट के सदस्यों को राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई। इस कैबिनेट में राष्ट्रपति समेत 22 सदस्य हैं। कैबिनेट में 2 महिलाओं और 2 तमिल सांसद भी शामिल किए गए हैं। डिप्टी मिनिस्टर के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे।
श्रीलंका के संविधान के अनुसार कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 30 और उप मंत्रियों की संख्या 40 से ज्यादा नहीं हो सकती। दिसानायके ने सरकार की लागत को कम करने के लिए कैबिनेट को छोटा रखा है।
तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं हरिनी अमरसूर्या अमरसूर्या श्रीलंका में प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाली तीसरी महिला हैं। उनसे पहले सिरिमाओ भंडारनायके (3 बार) और चंद्रिका कुमारतुंगा (1 बार) देश की महिला प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। हरिनी अमरसूर्या 2020 में पहली बार सांसद बनी थीं। राजनीति में कदम रखने से पहले अमरसूर्या श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं।
अमरसूर्या का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पिता एक चाय बागान के मालिक थे। साल 1972 में श्रीलंका में भूमि सुधार कानून लागू हुआ। इसमें अमरसूर्या के पिता का चाय बागान सरकार ने ले ली। इसके बाद वे गाले से कोलंबो आकर बस गए।
4 साल तक भारत में पढ़ाई की, इम्तियाज अली और अर्नब गोस्वामी बैचमेट थे साल 1988-89 में श्रीलंका में तमिल आंदोलन को लेकर हालात हिंसक हो गए। इस दौरान स्कूल, कॉलेज बंद हो गए। ऐसे में हरिणी अमरसूर्या आगे की पढ़ाई के लिए भारत आ गईं। यहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। 1991 से 1994 तक उन्होंने सोशियोलॉजी की पढ़ाई की। इस दौरान चर्चित फिल्ममेकर इम्तियाज अली और पत्रकार अर्नब गोस्वामी उनके बैचमेट थे।
भारत से लौटने के बाद अमरसूर्या स्वास्थ्य से जुड़े NGO से जुड़ गईं, वहां वह सुनामी से प्रभावित हुए बच्चों की मदद करती थी। इसके कुछ सालों बाद वह PhD की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गईं। वहां से लौटने के बाद 2011 में एक कॉलेज में प्रोफेसर बनीं। अमरसूर्या ने साल 2015 में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। इसी दौरान उनका दिसानायके से संपर्क हुआ और वह साल 2019 में उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना से जुड़ गईं। साल 2020 में वह संसदीय चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनीं।
श्रीलंका के संसद का पहला सत्र 21 नवंबर से शुरू होने वाला है। इस बार संसद में ज्यादातर सांसद नए चुनकर आए हैं।
शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति दिसानायके ने मंत्रिमंडल को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा-
ज्यादातर मंत्री न केवल कैबिनेट के लिए बल्कि संसद के लिए भी नए हैं। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि वे सभी ईमानदार हैं और भ्रष्ट नहीं हैं और उनमें लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का साहस है। हमें उम्मीद है कि सभी मंत्री जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे।
राष्ट्रपति दिसानायके के गठबंधन ने 14 नवंबर को हुए संसदीय चुनावों में 225 में से 159 सीटें जीती थी। उनके गठबंधन को चुनाव में 61 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।
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श्रीलंका संसदीय चुनाव- राष्ट्रपति दिसानायके के गठबंधन की जीत:141 सीटों पर जीत हासिल की, 61% वोट मिले; बहुमत के लिए 113 सीटें चाहिए थीं
श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन NPP की जीत हुई है। सभी सीटों के नतीजों सामने आ चुके हैं। NPP ने जिलों के आधार पर तय होने वाली 196 सीटों में से 141 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। नतीजों के मुताबिक NPP को 61% यानी 68 लाख वोट मिले हैं।
दूसरे स्थान पर 18% वोट और 35 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी SJB पार्टी मौजूद है। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समर्थन वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5% वोट और 3 सीटें ही मिली हैं।
वहीं श्रीलंका की राजनीति में दबदबा रखने वाले राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपल्स फ्रंट (SLPP) पार्टी 2 सीटों के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। इसके साथ ही 29 सीटों को सभी पार्टियों के बीच वोटिंग % के आधार पर बांट दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
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