34 मिनट पहले
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भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था।
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बुधवार को कनाडाई न्यूज चैनल CBC न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि उसने कनाडा को भारत के खिलाफ जानकारियां दी हैं। उसका आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस पिछले 2 से 3 सालों से कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के साथ संपर्क में है। उसने भारतीय उच्चायोग के खुफिया नेटवर्क के बारे में ट्रूडो को जानकारी दी है।
पन्नू फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी।
भारतीय अधिकारियों और RSS पर प्रतिबंध की मांग भारत से विवाद के बीच कनाडा की NDP पार्टी के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह ने भारतीय अधिकारियों और RSS पर प्रतिबंध की मांग की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को जगमीत सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि हम भारतीय राजनयिकों और RSS पर प्रतिबंध की मांग करते हैं। RSS एक आतंकवादी संगठन है, जो कनाडा और अन्य देशों में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देता है।
NDP पार्टी पिछले महीने तक कनाडा की सरकार में शामिल थी। जगमीत सिंह ने सितंबर में ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
कनाडा पुलिस ने भारत के खिलाफ सिखों से मदद मांगी भारत-कनाडा विवाद के बीच कनाडाई पुलिस विभाग RCMP के कमिश्नर माइक डुहेम ने देश में रहने वाले सिख समुदाय से मदद मांगी है।
PTI के मुताबिक, डुहेम ने मंगलवार को रेडियो कनाडा चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा- हम कनाडा में हुई हिंसा में भारत की भूमिका की जांच कर रहे हैं। अगर किसी के पास इस केस से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे इसे हमें दें। इसके लिए उन्होंने कनाडा में रहने वाले सिख समुदाय से भी अपील की।
इससे पहले डुहेम ने सोमवार को कनाडा में हुई हिंसा में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था।
कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो ने भी मंगलवार (15 अक्टूबर) को भारत सरकार के एजेंट्स पर खुफिया जानकारी जुटाने, टारगेट किलिंग, कनाडा के नागरिकों को धमकाने और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
अधिकारी बोले- लोगों को सुरक्षा देना हमारा फर्ज
डुहेम ने सोमवार को ओटावा में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि लोगों की सुरक्षा के लिए कनाडा में चल रहे इस नेटवर्क को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने इंटरव्यू में कहा-
लोग सुरक्षित महसूस करने के लिए कनाडा आते हैं। उन्हें सुरक्षा देना हमारा फर्ज है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिश्नोई गैंग भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है। यह गैंग देश में एशियाई समुदाय खासकर खालिस्तान समर्थक लोगों को निशाना बना रही है।
ट्रू़डो का आरोप- भारत सरकार के एजेंट्स से लोगों को खतरा है इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार के एजेंट्स पर खुफिया जानकारी जुटाने, टारगेट किलिंग, कनाडा के नागरिकों को धमकाने और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया।
इससे पहले ट्रूडों ने RCMP के सबूतों का हवाला देते हुए कहा था कि कनाडा से निकाले गए भारत के 6 डिप्लोमैट्स उन गतिविधियों में शामिल थे, जिससे लोगों को खतरा है। कनाडा ने इस मामले को लेकर भारत के साथ काम करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन भारत ने हर बार मदद से इनकार कर दिया। भारत ने ट्रूडों के आरोप पर पलटवार कर इन्हें बेबुनियाद बताया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कनाडा वही बिना कोई पुख्ता सबूत दिए रटे-रटाए आरोप दोहरा रहा है। हमारे हाई-कमिश्नर को टारगेट किया जा रहा है।
3 दिन में भारत-कनाडा के बीच क्या-क्या हुआ?
- 13 अक्टूबर: कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी। इसमें कहा कि भारतीय हाई-कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमैट्स एक मामले में संदिग्ध हैं। कनाडा ने मामले की जानकारी नहीं दी, पर इसे निज्जर मामले से जोड़कर देखा गया।
- 14 अक्टूबर: भारत ने अपने डिप्लोटमैट्स को संदिग्ध बताए जाने पर विरोध जताया और कनाडा के राजदूत को तलब किया। कुछ ही घंटों बाद भारत ने संजय कुमार वर्मा और दूसरे डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया। देर रात खबर आई की कनाडा ने भी भारत से अपने 6 राजदूतों को वापस आने का आदेश दिया है।
- 15 अक्टूबर: कनाडा के प्रधानमंत्री ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया।
दोनों देशों के बीच तनाव की वजह खालिस्तानी आतंकी निज्जर, पिछले साल हत्या हुई थी 18 जून 2023 की शाम को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था।
इसके बाद 3 मई को निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी भारतीय हैं। कनाडाई पुलिस ने कहा कि इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। उन्हें यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। तब भारत ने इस मामले पर कहा था कि यह कनाडा का आंतरिक मामला है।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को हुई थी। सितंबर में कनाडाई PM ने इस हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा था।
ट्रूडो के लिए निज्जर का मुद्दा अहम क्यों कनाडा में अक्टूबर 2025 में संसदीय चुनाव हैं। खालिस्तान समर्थकों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। हालांकि, पिछले महीने ही ट्रूडो सरकार में शामिल खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था। इस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था।
2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल आबादी 3.89 करोड़ है। इनमें 18 लाख भारतीय हैं। ये कनाडा की कुल आबादी का 5% हैं। इनमें से 7 लाख से अधिक सिख हैं, जो कुल आबादी का 2% हैं।
निज्जर 27 साल पहले कनाडा गया था, 3 साल पहले आतंकी घोषित
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खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर भारत-कनाडा में विवाद के बीच अब अमेरिका का भी बयान आया है। अमेरिका ने भारत पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा- भारत पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा के साथ जांच में मदद करे। भारत ने अब तक ऐसा नहीं किया है। पूरी खबर पढ़ें…
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