केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि रोड बनाने के लिए ऐसी किसी भी ज्वाइंट वेंचर्स को ठीका नहीं दिया जाएगा जिनकी साझेदार कोई चीनी कंपनी है.
नितिन गडकरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बुधवार को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ”हमलोगों ने ये सख़्त स्टैंड लिया है कि अगर चीनी कंपनियां ज्वाइंट वेंचर्स के ज़रिए हमारे देश में आना चाहती हैं तो हम इसकी इजाज़त नहीं देंगे.”
उन्होंने कहा कि चीनी कंपनियों को बैन किए जाने और भारतीय कंपिनयों को हाईवे प्रोजेक्ट का टेंडर हासिल करने के लिए शर्तों में ढील दिए जाने के बारे में आधिकारिक नीति सार्वजनिक कर दी जाएगी.
गडकरी के अनुसार फ़िलहाल केवल कुछ ही प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जिनमें चीनी कंपनियां हिस्सेदार हैं लेकिन उनको ये टेंडर बहुत पहले मिला था.
मंत्री ने कहा कि चीनी कंपनियों के बारे में लिया गया फ़ैसला मौजूदा और भविष्य के टेंडरों में लागू होगा.
नितिन गडकरी ने कहा, “हमलोगों ने निर्णय लिया है कि भारतीय कंपनियों को बड़े प्रोजेक्ट का टेंडर हासिल करने के लिए उनकी शर्तो में ढील दी जाएगी. मैंने हाईवे सचिव (गिरिधर अरामाने) और एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधु को निर्देश दिया है कि तकनीकी और वित्तीय शर्तों में ढील दिए जाने के बारे में बैठक करें ताकि हमारी कंपनियां टेंडर हासिल करने के योग्य हो जाए.”
गडकरी ने कहा कि अगर कोई कंपनी छोटे प्रोजेक्ट के लिए वैध है तो वो बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी वैध हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है कि उन्होंने बड़े प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ की ज़रूरत ही न पड़े.
गडकरी ने ये भी साफ़ किया कि, ”अगर हमें तकनीक, कन्सलटेंसी या डिज़ाइन के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर करना भी पड़ा तो हमलोग चीनी कंपनियों को इसमें शामिल होने की इजाज़त नहीं देंगे.”
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश की जा रही है लेकिन इसमें भी चीनी कंपनियों को निवेश नहीं करने दिया जाएगा.
चीन से आने वाले कंसाइनमेंट को भारतीय बंदरगाहों पर रोके जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा, “भारतीय बंदरगाहों पर सामान को मनमाने ढंग से नहीं रोका जाएगा. देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार एमएसएमई के क्षेत्र में बड़े सुधार की शुरुआत कर रही है.”
उन्होंने कहा, ”यह एक अच्छा क़दम है. चीन से आयात को कम करने पर ज़ोर दिया जाएगा और देश आत्मनिर्भर होने की तरफ़ बड़ा क़दम उठाएगा.”
गडकरी ने कहा कि वो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक हैं.
News Credit बीबीसी