टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट मिल सकती है. राज्य मंत्रिस्तरीय पैनल के अधिकांश सदस्यों ने आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए जीएसटी में कटौती का समर्थन किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में मामले से परिचित एक अधिकारी के हवाले से कहा, ‘हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम जीएसटी पर निर्णय लेने वाले जीओएम (Group of Ministers) ने शनिवार को अपनी बैठक में 5 लाख रुपये तक की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए जाने प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया.’
हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर पर 18 फीसदी जीएसटी लगता रहेगा. इसके अलावा, जीओएम ने सुझाव दिया कि जीएसटी काउंसिल पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर, साइकिल, एक्सरसाइज नोटबुक, लक्जरी रिस्ट वॉच और जूते सहित कई अन्य वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी की दरों में बदलाव करे. इन मुद्दों पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की अगले महीने होने वाली बैठक में लिए जाने की संभावना है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं.
पैकेज्ड वाटर और साइकिल पर भी घट सकता है जीएसटी
अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी दरों में बदलाव से राज्यों और केंद्र को 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इससे हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी की दर में कटौती से होने वाली राजस्व हानि को कवर करने में मदद मिलेगी.’ जीओएम ने 20 लीटर और उससे अधिक के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है. अगर जीओएम की सिफारिश जीएसटी काउंसिल ने मान ली तो 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो जाएगा और एक्सरसाइज नोटबुक पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी हो जाएगा.
महंगे जूतों और लग्जरी घड़ियों पर बढ़ सकता है जीएसटी
जीओएम ने 15,000 रुपये से अधिक मूल्य के जूतों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा. इसमें 25,000 रुपये से अधिक कीमत की कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव शामिल है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जीओएम के संयोजक हैं. जीओएम की बैठको के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जीओएम का हर सदस्य आम लोगों को राहत देना चाहता है. वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. हमने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को लेकर जीएसटी काउंसिल को अपने सुझावों से संबंधित रिपोर्ट भेज दी है. अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा.’
13-सदस्यीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की यह पहली बैठक थी
कुछ अन्य चीजों पर जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के मामले में सम्राट चौधरी ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले जीओएम की एक बार फिर बैठक होगी. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को लेकर गठित 13-सदस्यीय जीओएम की यह पहली बैठक थी. इस जीओएम को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट में सुधार पर सुझाव देने के लिए पिछले महीने गठित किया गया था. राज्य मंत्रिस्तरीय इस जीओएम में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस महीने के आखिरी तक जीओएम को अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपना है.
कुछ चीजों पर लगने वाले जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने से संबंधित सुझाव देने के लिए छह सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल शामिल हैं. वर्तमान में जीएसटी में चार टैक्स स्लैब- 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत शामिल हैं. जीएसटी के तहत, आवश्यक वस्तुओं को या तो टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है या 5 फीसदी स्लैब के अंदर रखा गया है. वहीं, लग्जरी आइटम्स, लीकर या टोबैको प्रोडक्ट्स को 28 परसेंट टैक्स स्लैब के अंदर रखा गया है.
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