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पुणे में अवैध मस्जिद और मदरसे पर चला बुलडोजर, ओवैसी आगबबूला, CM शिंदे से पूछा सवाल

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महानगर निगम ने पुणे में मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ा

महाराष्ट्र से लेकर हिमाचल तक अवैध मस्जिद को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। अब पुणे में अवैध मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। अवैध निर्माण के खिलाफ महानगर निगम ने आधी रात में ये कार्रवाई की है। महानगर निगम का ये एक्शन हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुआ है जिसमें कहा गया था कि पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में जितने भी अवैध धर्म स्थल हैं, उसे तोड़ा जाए।

महानगर निगम ने 6 महीने पहले भेजा था नोटिस

6 महीने पहले महानगर निगम ने ऐसे सभी अवैध निर्माण वाले धर्म स्थलों को नोटिस भी भेजा था लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया जिसके बाद महानगर निगम ने ये कार्रवाई की। मस्जिद और मदरसे पर बुलडोज़र एक्शन का वहां के मुसलमान जमकर विरोध कर रहे हैं। कल रात बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग उसे बचाने के लिए वहां पहुंच गए। उधर हालात बिगड़ने से रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के कुछ जिम्मेदार नेताओं डिटेन भी किया जिन्हें सुबह 5 बजे छोड़ दिया गया।

मस्जिद में चलाया जा रहा था मदरसा

बता दें कि ये पूरा मामला पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ का है। 25 साल पहले यहां मस्जिद का निर्माण हुआ था लेकिन बीते कुछ सालों पहले यहां दारुल उलूम जामिआ इन आमिया नाम से मदरसा चलाया जा रहा था। इसके खिलाफ हिंदू संगठनों ने शिकायत की। इस बीच हाईकोर्ट ने इलाके के सभी अवैध धर्मस्थलों को तोड़ने का आदेश भी जारी कर दिया और फिर कल रात महानगर निगम ने अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चला दिया। इस कार्रवाई में मदरसा पूरी तरह तो मस्जिद का कुछ हिस्सा भी अवैध निर्माण होने की वजह से गिराया गया है।

मस्जिद गिराने पर ओवैसी ने लगाए गंभीर आरोप

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद को गिराए जाने के मामले पर प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि पुणे में सिर्फ एक ही मस्जिद को तोड़ा जा रहा है, जबकि उसके आस-पास के हजार घरों अवैध हैं। ओवैसी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि पिंपरी-चिंचवाड़ पुणे के थेरगांव कालीवाड़ी में एक मस्जिद है, जो पिछले 25 सालों से अस्तित्व में है। मस्जिद के आस-पास करीब हजार घर हैं, जिनके पास भी कोई अनुमति नहीं है, लेकिन सिर्फ मस्जिद दारुलूलम जामिया इनामिया को ही तोड़ा जा रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सवाल करते हुए कहा कि सिर्फ एक मस्जिद के लिए यह भेदभाव क्यों, उन घरों का क्या जिनके पास भी कोई अनुमति नहीं है।

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